Khayal Compositions

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अतर गुलाब सुगंधित शीतल पवन
अपनी कहत काहूंकी ना माने ना सुने
अरिदलगंजन कामनी मनरंजन है
आज सपनेमे सांवरी सलोनी सूरत देखी (मूळ जुने बैजू)
आये री मेरे धाम श्यामसुंदर बंसीधर
आये सब मेरे घर आये
आवत धावत गावत नंद मेहेर
आवन को गवन को जान गुनीयन से
आवो सजना मोरे पिया तुमरे बिन जिया मोरा तरपत है
उदन तन देरेना (स्वरचित तराना, अंतरा बोल अमीर खुस्रौ )
ए अब जोग लियो है
ए मानत नाही मोरे पिया
ए मितवा तुमरे मीलन कैसे आऊं रे
एरी मै कहा जानू वाको ढंग
एरी मै कासे कहूं जाय वे तो कान्हा
एरी मोहे भवन न भावे पियाबिन ऐसो जान सुजान पिया
करो किरपा रे
कहांते आये सुरस सुजान
काहेको नेहा लगाये मोसे
कैसे कैसे समझाऊँ मनकी बिथा
कैसेके धरूं धीर
गावे गुनि गणिका गंधर्व
गुनी सब आये आज मेरे द्वारे गाये बजाये
गुनी सब आये आज मोरे घर गाये बजाये रिझाये
जनम यूंहि गवायो बावरे
जहि जहि जाऊं तुमरोहि नाम ध्यान कर पाऊं
जानत सब तुमरी बात मिठी मिठी
जाने सब तुम्हरी बात जानेरी जाने घरमें
तूही निराकार सकल जगत के आधार सुन ले बिनती मोरी करतार
दानी तनन तनन (वजहन कहे…अचरज बडो रसिकरंग)
दिर दिर तोम् तनद्रे सा नी ध सा अपने बिना कोई नही
दिर् ना तन नननन (आठ पेहेर…जात दूर रसिकरंग)
धीर धरो साँई अपने करम धरमसे सुख दुख पाई
ना जाने कैसे आज रात बैरन भईली
नीकी नीकी तान
बालम मोरे सैंया अब आवोजी
बिजुरीया झाँके सावन की ओटन में
महंमदशा सदारंग पिया गरवा लगाये आये
महादेव शिव शंकर नटवर
मेरे तो जिया में बसे नंद के दुलारे
मोरा जिया दरस बिन तरसे
रामरंग सोहि जाने
लालन भोरहि आये होरी खेलनको
सखी सुगंध पवन शीतल मंद
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